Tuesday, September 15, 2009

जरा सोचिए......

आज मैं बात करने जा रहा हूं एक ऐसी हकीकत के बारे में, जिसे पढ़ने के बाद माथे पर चिंता की लकीरें गहरा जाएंगी। मन में सिहरन पैदा हो जाएगी। आंखों के सामने हिरोशिमा और नागासाकी का मंजर घूमने लगेगा। जी हां मैं बात करने जा रहा हूं न्यूक्लियर बमों की, जिसने इन दोनों शहरों में ऐसा कहर बरपाया था कि दशकों बाद सिचुएशंस पूरी तरह नहीं सुधर पाई हैं। ये तो बात हुई द्वितीय विश्व युद्ध के समय की अब नजर दौड़ाते हैं मौजूदा समय में दुनिया पर मंडरा रहे खतरों की। वर्तमाम समय में दुनिया अंगारों पर खड़ी हैं। भूल से भी किसी दुष्ट ने एक तिल्ली जला दी, तो पुरी धरती धधक उठेगी। धरती तहस-नहस हो जाएगी। जिस तरह से दुनिया भर में इस समय न्यूक्लियर बमों की होड़ लगी हैं, वो चिंतनीय है। इस समय दुनिया भर में तेईस हजार से ज्यादा न्यूक्लियर बम है। ये बम पलक झपकते ही पुरी दुनिया को नष्ट कर देने की कुबत रखते हैं। इन बम में से इक्कासी से ज्यादा बम कभी भी दागे जाने की सिचुएशन में हैं। एफएएस के रिपोर्ट के मुताबिक भारत के लिए हालात और भयावह है। ऐसा मैं इस वजह से कह रहा हूं क्योंकि कि भारत के दुश्मन नंबर वन पाकिस्तान के पास भारत से ज्यादा न्यूक्लियर वेपंस हैं। फेडरेशन ऑफ अमेरिकन साइंटिस्ट की ओर से जारी रिपोर्ट में व‌र्ल्ड की नौ कंट्रीज के पास ही तेईस हजार तीन पिचानवें न्यूक्लियर वेपंस हैं। रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि पाकिस्तान के न्यूक्लियर वेपंस की संख्या अब भारत के न्यूक भंडार से ज्यादा है। हथियारों की होड़ में रूस सबसे आगे हैं। रूस का परमाणु जखीरा तेरह हजार बमों का है। वहीं नौ हजार चार सौ न्यूक वेपंस के साथ अमेरिका दूसरे नंबर पर हैं। चीन तीन वेपंस के साथ तीसरे और फ्रांस दो सौ चालीस बमों के साथ फ्रांस चौथे नंबर पर है। इस मामले में ब्रिटेन पांचवीं पोजीशन पर है। ब्रिटेन के पास एक सौ पिचासी बम हैं। इस तरह संयुक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों के पास ही तेईस हजार एक सौ पच्चीस न्यूक वेपंस हैं। दुनिया के कुल न्यूक वेपंस का अंठानवें दशमलव पांच फीसदी है। रूसी जखीरे में सत्ताईस सौ नब्बे वेपंस रणनीतिक, दो हजार पच्चास गैर रणनीतिक और चार हजार आठ सौ चालीस ऑपरेशनल हैं।वहीं अमेरिका के पास दो हजार छब्बीस रणनीतिक, पांच सौ गैर रणनीतिक और दो हजार छह सौ तेईस ऑपरेशनल वेपंस हैं। इस रिपोर्ट में इजरायल, पाकिस्तान, भारत और नॉर्थ कोरिया के पास गैर रणनीतिक एवं ऑपेरशनल यानी दागने के लिए तैयार वेपंस की संख्या अनुपलब्ध बताई गई है। अब आप खुद ही बताइए की किस आधार पर हमारे नेता विश्व शक्ति बनने का दंभ भरते हैं।

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