Wednesday, August 12, 2009

बेशर्मों की मंडी बोले तो सच का सामना

इस समय टेलीविजन चैनलों ने मंडी लगा रखी है। इस मंडी को किसी ने इस जंगल से मुझे बचाओ नाम दिया है, तो कोई इसे सच का सामना नाम से पुकार रहा है। नोट के बल पर इस मंडी की ऐसी पैकेजिंग की गई है कि लोग देख कर हैरान रह जाते हैं। अब आप सोच रहे होंगे कि जब मंडी की इतनी अच्छी पैकेजिंग हुई है, तो सामान भी बढ़िया बिक रहा होगा। इस बारे में मैं सिर्फ इतना ही कहूंगा कि बिकने वाला सामान बढ़िया ही नहीं बहुत बढ़िया है। इस मंडी में जिस्म की बोली लगाई जा रही है। टेलीविजनवाले मुंह मांगा दाम देकर हमसे अपनी इज्जत को नीलाम करने के लिए कह रहे हैं, लेकिन इसमें उनका क्या कसूर है। पैसे की चाह ने हमसभी को इस कदर अंधा बना दिया है कि हम खुद खुशी-खुशी नंगा होकर उनके बाजुओं में जाकर बैठने को तैयार हो जा रहे हैं। पैसे के लिए जहां सुंदरियां जंगल में जाकर झरने के लिए नंगे नहा रही हैं, वहीं स्टार प्लस के कार्यक्रम सच का सामना में हमलोग अपने कुकर्मों के बारे में दुनिया को अगवत करा रहे हैं। स्टार प्लस अपने होस्ट राजीव खंडेवाल के माध्यम से इस कार्यक्रम में हमलोगों से नाजायज रिश्तों के बारे में पूछ रहा है और हम बिना सहमे बड़े ही बेशर्मी से उन रिश्तों के बारे में बता रहे हैं। इस दौरान हॉट सीट पर बैठे लोगों के सामने उनके बेटे, बेटी, पत्नी और सगे-संबंधी भी मौजूद रहते हैं। इस कार्यक्रम में किसी से पूछा जाता है कि क्या आपने अपनी बेटी से कम उम्र की लड़की से सेक्स किया है, तो किसी से शादी शुद्धा होने के बाद भी गैर मर्द से बच्चा पैदा करने की चाहत पूछी जाती है। किसी से सवाल किया जाता है कि क्या आपने किसी लड़की से गर्भ गिराने के लिए दबाव डाला है, तो किसी से नाबालिग अवस्था में गर्भवती होने की वजह से कॉलेज से निकाले जाने के बारे में बताने को कहा जाता है। अब हम इस कार्यक्रम के पेश करने वालों से एक सवाल पूछना चाह रहे हैं कि सच को मापने का पायमाना केवल अवैध संबंध है। क्या इसी के जरिए किसी सच बोलने और नहीं बोलने का आंकलन किया जा सकता है। क्या इसी तरह के कार्यक्रम के जरिए ही किसी को साहसी होने और नहीं होने का प्रमाण पत्र दिया जा सकता है। अगर हां, तो इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले महापुरुषों को अपने नाबालिग बेटे और बेटियों से भी ये पूछना चाहिए कि क्या तुम्हारा किसी से अवैध संबंध हैं। क्या इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले लोग अपने मासूम बच्चों के इस तरह की गलतियों को बर्दास्त कर सकेंगे। इस सवाल का जवाब सिर्फ और सिर्फ नहीं हैं। मुझे तो हैरानी इस बात की है कि इस कार्यक्रमों को देखने के बाद भी सूचना और प्रसारण मंत्रालय चुप क्यों बैठा है। इस तरह के कार्यक्रम पर तत्काल रोक लगानी चाहिए, नहीं तो वो दिन दूर नहीं जब मासूम बच्चे भी बिना डरे सबसे सामने ये कहते पाए जाएंगे कि मैं इससे शारीरिक संबंध बनाना चाहती/चाहता हूं। मेरे इतने से नाजायज रिश्ते हैं। सही मायने में स्टार प्लस का कार्यक्रम हमसभी को पशुता की ओर ले जा रहा है।

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